उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में निकाय चुनाव का जो नजारा देखने को मिला उसने लोगों को न केवल चौंका दिया बल्कि हंसी मजाक का मौका भी दे दिया। अब भला सोचिए चुनाव में भाग लेने का जोश, प्रचार की तैयारी, दोस्तों, रिश्तेदारों से समर्थन की उम्मीद, लेकिन जब नतीजा आया तो सब धरा का धरा रह गया। नगर पालिका नगला के वार्ड नंबर 7 गोल्ड गेट से निर्दलीय उम्मीदवार वरुण कुमार ने पूरे जोश के साथ चुनाव लड़ा लेकिन जब वोटो की गिनती हुई तो जो आंकड़ा सामने आया वह किसी झटके से कम नहीं था. सिर्फ एक वोट। और यह वोट भी वरुण बाबू ने खुद ही डाला था, यानी उनके अपने घर वालों तक ने उन्हें भाव नहीं दिया।भाई ,बंधु ,दोस्त, रिश्तेदार सब कन्नी काट गए, यहां तक की पड़ोसियों ने भी चलो तुम्हें ही वोट दे देते हैं वाली दया नहीं दिखाई। 367 मतदाताओं वाले वार्ड में वरुण कुमार को मिले सिर्फ एक वोट। जबकि नोटा को 6 वोट पड़ गए मतलब लोगों ने सोचा कि किसी को भी वोट दे दें पर वरुण बाबू को ना दें। अब सोचिए एक प्रत्याशी जिसके खिलाफ नोटा भी ज्यादा पॉपुलर हो जाए उसकी मनोदशा क्या होगी?
इस चुनावी मुकाबले में देवेंद्र यादव ने 165 वोट लेकर बाजी मारी। गंगावती देवी 118 वोटो के साथ दूसरे नंबर पर रहीं और चिराग शर्मा ने भी 6 वोट ले लिए लेकिन बेचारे वरुण कुमार के हिस्से में आया अकेला,बेसहारा, तन्हा एक वोट। चुनाव हारना एक अलग बात है लेकिन खुद के घर से भी सपोर्ट ना मिलना वाकई दिल तोड़ देने वाला वाक्या है। अब इस नतीजे के बाद वरुण बाबू घर जाकर क्या बोले होंगे? अरे भाई तुम सब ने धोखा दे दिया, या फिर यह सोच रहे होंगे की अगली बार चुनाव लड़ने से पहले घर वालों को तो मना ही लुंगा। इस दिलचस्प खबर पर आपकी क्या राय है?